अल्लाह के आख़री नबी व रसूल हैं हज़रत मुहम्मद : मुफ्तिया ताबिंदा
तुर्कमानपुर में महिलाओं की महफ़िल
गोरखपुर। रविवार को मकतब इस्लामियात तुर्कमानपुर में महिलाओं की 13वीं महाना महफ़िल सजी। अध्यक्षता ज्या वारसी ने की।
मुख्य वक्ता मुफ्तिया ताबिंदा ख़ानम अमजदी ने कहा कि पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अल्लाह पाक के आखरी नबी व रसूल हैं। आपके बाद अब कोई नया नबी, रसूल नहीं पैदा होगा। यह कुरआन व हदीस में स्पष्ट तौर पर बता दिया गया है।
उन्होंने कहा कि यह फित्नों का दौर है। बहुत सारे झूठे और धोखेबाज किस्म के लोग मुसलमानों का अकीदा ख़राब करने की साज़िश लिए नबी होने का झूठा दावा करते हैं या कुछ लोग ऐसे झूठे लोगों को नबी मानते हैं। जिनमें कादियानी वगैरा शामिल हैं। ऐसे लोगों से बचने और अपने बच्चों को तमाम अहम दीनी अकीदों के साथ बचपन से यह भी शिक्षा देने की ज़रूरत है कि हम जिस नबी (हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) के उम्मती हैं वह अल्लाह पाक के आख़री नबी व रसूल हैं उनके बाद कोई नया नबी पैदा नहीं होगा। अपने बच्चों को यह शिक्षा देना हमारी बहुत अहम जिम्मेदारी है।
सानिया व खुशी ने कहा कि नशा और दहेज मांगने की प्रथा इस्लामी शिक्षा के खिलाफ और नुकसान पहुंचाने वाली है। हर इंसान को नशे की बीमारी से बचना चाहिए। नशा पहले इंसान की अक्ल खराब करता है और फिर ज़िंदगी तबाह कर देता है। नशा करने वाले न खुद को संभाल पाते हैं और न ही परिवार को। नशाखोरी को इस्लाम में हराम कहा गया है। वहीं दहेज मांगने की प्रथा एक बड़ी परेशानी बनती जा रही है। यह अभिशाप है।
संचालन करते हुए शिफा खातून ने कहा कि कहा कि इल्म-ए-दीन अल्लाह की बड़ी नेमत है। जिस पर अमल करना बेहद जरुरी है। इसलिए हमें दीन की शिक्षा हासिल कर उस पर अमल करते हुए अपनी ज़िंदगी और आख़िरत संवारनी चाहिए। साथ ही उन्होंने लोगों से पांच वक्त की नमाज़ की पाबंदी करने, दीनी शिक्षा पर अमल करने, मां-बाप का सम्मान करने की अपील की।
कुरआन-ए-पाक की तिलावत उमरा ने की। हम्द व नात आयशा, अल्बिया, माहिरा, आसिया, अकिफा, आयरा, सना खान व सना खातून ने पेश की। हदीस-ए-पाक साहिबा, कनीज़ व नूरी ने पेश किया। इस्लामी सवालो जवाब अफीना व अदीबा ने पेश किया। अंत में दरूदो सलाम पढ़कर मुल्क में खुशहाली, तरक्की व अमन की दुआ मांगी गई। महफ़िल में फिजा खातून, तस्मी, फलक, नूर अक्शा, नूरी, नूर अज्का, आलिया, खुशी नूर, मुस्कान, तैबा नूर, साईबा फातिमा, आस्मां खातून, किताबुन निसा आदि मौजूद रहीं।
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