गोरखपुर । शहर में 8 से 11 सितंबर तक उर्दू साहित्यकार व उर्दू से मुहब्बत रखने वाले एक जगह जमा होंगे। उर्दू की तरक्की के लिए विचार विमर्श होगा। काव्य संग्रह का विमोचन, संगोष्ठी व उर्दू निबंध लेखन प्रतियोगिता के प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जाएगा।
साजिद अली मेमोरियल कमेटी के सचिव महबूब सईद हारिस ने बताया कि उर्दू मुहब्बत और अमन की ज़ुबान है। उर्दू हिंदुस्तान की सांझा संस्कृति की विरासत है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में उर्दू ज़ुबान की अग्रणी भूमिका रही है।
उन्होंने बताया कि साजिद अली मेमोरियल कमेटी व मोहम्मद हामिद अली एजुकेशनल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में साहित्य प्रेमी, महिला शिक्षा के पक्षधर मो. हामिद अली की याद में चार दिवसीय उर्दू साहित्य सम्मेलन शुभारंभ रविवार 8 सितंबर को सुबह 11 बजे, एमएसआई इण्टर कॉलेज, बक्शीपुर, के आडिटोरियम में होगा। वरिष्ठ शायर माजिद अली “महशर” गोरखपुरी के काव्य संग्रह (मजमुआ कलाम) का विमोचन किया जाएगा। साहित्यिक एवं सामाजिक विभूतियों को सम्मानित भी किया जाएगा।
सोमवार 9 सितंबर को मोहम्मद हामिद अली हाल, आग़ोशे हमीदिया, घासी कटरा में दोपहर 2 बजे से ‘तालीम की अहमियत’ विषय पर आयोजित निबंध लेखन प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र छात्राओं को पुरस्कृत किया जाएगा। मंगलवार 10 सितंबर को दोपहर 2 बजे ‘उर्दू के फरोग के लिए मुमकिना एकदामात’ विषय पर आयोजित निबंध लेखन प्रतियोगिता, वहीं बुधवार 11 सितंबर को दोपहर 2 बजे आज़ादी के बाद ‘उर्दू अदब में गोरखपुर व एतराफ के गैर मुस्लिम उर्दू शोअरा व ओदबा’ विषय पर आयोजित निबंध लेखन प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया जाएगा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व निदेशक तिब यूनानी, सफदरजंग अस्पताल दिल्ली के हकीम सैयद अहमद खान जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट अब्दुल राशिद, मोतीलाल ट्रस्ट लखनऊ के सेक्रेटरी राजेश सिंह, सेंट एंड्रयूज कॉलेज के प्राचार्य प्रो. सीओ सैमूएल, गुरुद्वारा श्री संतकबीर साहब, मगहर की संरक्षिका बीबी राना परमजीत कौर, गोरखपुर न्यूज लाइन के संपादक मनोज कुमार सिंह, वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अज़ीज़ अहमद, डॉ. विजाहत करीम शामिल होंगे। उन्होंने अपील की है कि उर्दू के विकास में योगदान देने के लिए कार्यक्रम में जरूर शामिल हों।
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