अन्तर्राष्ट्रीय शायर एवं मंच संचालक डा. कलीम कैसर ने कहा कि नुसरत की शायरी जिंदगी और मोहब्बत की शायरी है और जब औरत समाज में परिवर्तन चाहती है तो उसको भाषा का सहारा लेना पड़ता है, नुसरत ने दोनों भाषाओं में प्रयोग करके दिखा दिया।
इस अवसर पर कुटुंब ग्लोबल की ओर से कवि राजेश श्रीवास्तव को दोहा सम्मान एवं साहित्य प्रेमी एवं वरिष्ठ शिक्षाविद महबूब सईद को अरबी चौपाल की ओर से फखरे जबान ए अदब सम्मान से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के अंत में संयोजक दीदार वस्तवी एवं आयोजन समिति के सदस्य डा. अमरनाथ जायसवाल, फर्रुख जमाल, अरशद अहमद ने आये हुए मेहमानों का शुक्रिया अदा किया।
इस अवसर पर डा.विजाहत करीम, राकेश श्रीवास्तव, शिवेन्द्र पाण्डेय, कामिल खां, प्रेम पराया, अनुपम श्रीवास्तव, शबनम श्रीवास्तव, डा. विनोद श्रीवास्तव, अरशद जमाल सामानी, हर्षवर्धन राय, विजय श्रीवास्तव, प्रवीण श्रीवास्तव, नवीन श्रीवास्तव, नीरज अस्थाना, इफ्राहिम, डा. ताहिर, डा. अर्मानुल्लाह, मंजीत सिंह, अनुपमा द्विवेदी, कुमुद पाण्डेय, संजय सिंह, वेद प्रकाश यादव समेत कई लोग उपस्थित रहे।
इस दौरान अवसर पर काव्य गोष्ठी का भी आयोजन किया गया, जिसमें कवि राजेश श्रीवास्तव काशीपुर, डॉ. दीपक द्विवेदी "दीपक", डॉ. सुभाष यादव, डॉ. एके रॉय, डॉ. आरके राय, दीपक गोस्वामी, डॉ. कात्यानी सिंह सासाराम, पवन सबा, सत्यमबदा शर्मा, प्रतिभा गुप्ता, निशा राय, डॉ. चेतना पांडे, अनवर जिया, फारूक आदिल, अर्शी बस्तवी, सुम्बुल हाशमी, नसीम सलेमपुरी, शारिक खलीलाबादी, जनाब महमूद खलीलाबादी, जनाब अब्दुल हक इमाम, वसीम मजहर, अब्दुल्ला जामी, शाकिर अली शाकिर,
आदि कवि कवयित्रियों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की।
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