पैगंबरे इस्लाम की शान में हुई बेअदबी को लेकर गोरखपुर के मुस्लिमों में रोष
गुस्ताखी करने वाले रामगिरी नामक शख्स को किया जाय गिरफ्तार, राष्ट्रपति महोदया को भेजा गया ज्ञापन
गोरखपुर। विगत दिनों महाराष्ट्र के नासिक में एक प्रवचन के दौरान रामगिरी नामक धर्मगुरु ने इस्लाम धर्म के पैगंबर हजरत मुहम्मद सल्ललाहु अलैहि वसल्लम और हजरत आयशा रदियल्लाहु तआला अन्हु के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए बेअदबी की गई। जिससे लाखों मुसलमानों की भावनाएं आहत हुईं। इस बेअदबी को लेकर देश के मुस्लिमों में काफी रोष देखा जा रहा है, पूरे देश के अलग अलग हिस्सों में मुस्लिम समुदाय द्वारा रामगिरी की गिरफ्तारी की मांग जोर-शोर से की जा रही है और इसी को लेकर आज उत्तरप्रदेश के जाफरा बाज़ार गोरखपुर में मुस्लिम समुदाय ने एक निंदा बैठक की। निंदा बैठक में बड़ी संख्या में मौजूद मुस्लिम समाज के लोगों ने रामगिरी के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया। इस दौरन राष्ट्रपति को भेजे जाने वाले ज्ञापन पर पहले सभी ने अपने हस्ताक्षर किए और फिर इस तीन सूत्रीय ज्ञापन को डॉक से राष्ट्रपति को भेजा गया है।
ज्ञापन में कहा गया कि मुसलमान सब कुछ बर्दाश्त कर सकता है लेकिन पैगंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की शान में ज़र्रा बराबर भी बेअदबी बर्दाश्त नहीं कर सकता है। इसी माह अगस्त में महाराष्ट्र के नासिक जिले के सिन्नर तालुका के शाह पंचाले गांव में एक धार्मिक आयोजन के दौरान रामगिरी नामक व्यक्ति ने पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) व उम्मुल मोमिनीन हज़रत आयशा (रदियल्लाहु तआला अन्हा) की शान में बेअदबी करते हुए बेहद आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया। प्रवचन का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। इस घटना से करोड़ों मुसलमानों दुख पहुंचा है। नाराज़गी भी है। जिसके फलस्वरूप रामगिरी के ख़िलाफ़ महाराष्ट्र के कई थानों में एफ़आईआर भी दर्ज हुई लेकिन अफसोस कि अभी तक महाराष्ट्र सरकार द्वारा रामगिरी की गिरफ्तारी नहीं की गई है।
इसलिए भारत के करोड़ों मुसलमानों की मांग है की रामगिरी की जल्द से जल्द गिरफ्तारी व कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। इसके अलावा ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए भारत सरकार से कानून बनाए जाने का मुस्लिम समाज ने अनुरोध किया।
ज्ञापन में आगे कहा गया की भारत में धर्मों के बीच वैमनस्य व नफ़रत फैलाने वालों की सही जगह जेल है। ज्ञापन भेजने वालों में मुस्लिम धर्मगुरु व अवाम शामिल हैं।
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