ईद-उल-फित्र की नमाज अदा कर कहा ईद मुबारक : मुल्क में अमन व अमान के लिए मांगी दुआ
गोरखपुर। माह-ए-रमजान के 29 रोजे के एवज अल्लाह तआला ने मुसलमानों को ईद का तोहफा अता किया। अल्लाह का शुक्र अदा करने के लिए ईद-उल-फित्र की नमाज सोमवार को परंपरा के अनुसार अदा की गई। शहर की सभी ईदगाहों व तमाम मस्जिदों में सुबह से ही नमाजियों का हुजूम उमड़ पड़ा। तय समय से पहले ईदगाह व मस्जिदें भर गईं। लोगों ने अन्य खाली जगहों पर जानमाज, चादर वगैरा बिछाई। कमेटियों द्वारा भी नमाज पढ़ने के लिए खास इंतजाम किया गया था। बच्चों से लेकर बड़ों के चेहरों पर खुशियों की चमक देखने लायक थी।
ईद की नमाज के समय तक ईदगाह व मस्जिदों में नमाजियों की कतारें लग गईं। लोगों ने ईदगाह व मस्जिद के इमामों की तकरीर ध्यान लगा कर सुनी।सुबह 7:00 से 10:30 बजे तक तय समय पर ईद-उल-फित्र की नमाज सभी ईदगाहों व मस्जिदों में अदा की गई। ईद का खुत्बा पढ़ा व सुना गया। मुल्क में भाईचारगी, एकता, अमन व अमान के साथ ही रोजा, नमाज, जकात, सदके की कुबूलियत की अल्लाह से दुआ की गई। बैतुल मुकद्दस की आजादी, फिलिस्तीन में अमन शांति व जुल्म से निजात की दुआ मांगी गई। पैगंबरे इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की बारगाह में दरूदो सलाम का नजराना पेश किया गया। इसके बाद शुरू हुई ईद मुबारक, ईद मुबारक की सदा। हर ओर यह सदा गूंजने लगी। छोटे से लेकर बड़ों ने एक दूसरे को मुबारकबाद देनी शुरु की। गले मिले, हाथ मिलाया कहा ईद मुबारक। इसी के साथ ईदी भी बंटनी शुरू हुई। किसी को ईदी में पैसे मिले तो किसी को तोहफे।
लोग एक दूसरे के घर आते रहे जाते रहे खुशियों का पैगाम बांटते रहे।उलमा किराम ने दिया अल्लाह की रजा में ज़िंदगी गुजारने का पैगाम मरकजी मदीना जामा मस्जिद रेती चौक में मुफ्ती मेराज अहमद कादरी ने कहा कि ईद भाईचारगी का त्योहार है। इसे सबके साथ मनाएं। गरीबों का भी ख्याल रखें, उन्हें अपनी खुशियों में शामिल करें। मुकीम शाह जामा मस्जिद बुलाकीपुर के इमाम मौलाना फिरोज अहमद निजामी ने अपनी तकरीर में कहा कि अल्लाह फरमाता है ऐ मेरे बंदों! मांगों! क्या मांगते हो? मेरी इज्जत व जलाल की कसम! आज के रोज इस नमाजे ईद के इज्तिमा में अपनी आखिरत के बारे में जो कुछ सवाल करोगे वो पूरा करुंगा और जो कुछ दुनिया के बारे में मांगोगे उसमें तुम्हारी भलाई की तरफ नज़र फरमाऊंगा। मेरी इज्जत की कसम! जब तक तुम मेरा लिहाज रखोगे मैं भी तुम्हारी खताओं पर पर्दा पोशी फरमाता रहूंगा। मेरी इज्जत जलाल की कसम! मैं तुम्हें हद से बढ़ने वाली यानी मुजरिमों के साथ रुसवा न करुंगा। बस अपने घरों की तरफ मगफिरत याफ्ता लौट जाओ। तुमने मुझे राजी कर दिया और मैं भी तुमसे राजी हो गया।
उन्होंने नमाज, रोजा, हज, जकात सहित तमाम दीनी बातों पर रोशनी डाली।सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफरा बाजार में हाफिज रहमत अली निजामी ने कहा कि जिस तरह हमनें रमजान गुजारा है उसी तरह पूरी ज़िंदगी गुजारें ताकि अल्लाह राजी हो जाए। चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर में मौलाना महमूद रजा कादरी ने कहा कि ईद अल्लाह का ईनाम है। इबादतों के जरिए अल्लाह को राजी कीजिए। नमाज बाजमात अदा करें। इसी तरह गौसिया जामा मस्जिद छोटे काजीपुर में मौलाना मोहम्मद अहमद निजामी, सुब्हानिया जामा मस्जिद तकिया कवलदह में मौलाना जहांगीर अहमद, बिलाल मस्जिद अलहदादपुर में कारी शराफत हुसैन कादरी, सुन्नी जामा मस्जिद सौदागर मोहल्ला बसंतपुर में कारी मो. मोहसिन बरकाती, सुन्नी बहादुरिया जामा मस्जिद रहमतनगर में मौलाना अली अहमद आदि ने तकरीर की। ईद की नमाज पढ़ाई और खुत्बा पढ़ा। इसके अलावा अन्य ईदगाहों व मस्जिदों में ईद के मौके पर उलमा किराम ने तकरीर कर ईद की नमाज पढ़ाई और खुत्बा पढ़ा। भीड़ अधिक होने की वजह से ईदगाह सेहरा बाले का मैदान बहरामपुर में दो बार ईद की नमाज अदा की गई।मेले जैसा रहा माहौलईद के मौके पर नौजवानों ने मुस्लिम बाहुल्य मोहल्लों को रंग बिरंगी झंडियों से सजाया था।
इसके अलावा तमाम तरह की गुब्बारों व खिलौनों की दुकानों पर बच्चों का हुजूम उमड़ पड़ा। बच्चों की ख़ुशी देखते ही बन रही थी। फेसबुक, व्हाट्सएप, एक्स, इंस्ट्राग्राम पर ईद का ऐलान होने के बाद मुबारकबाद देने का सिलसिला ईद-उल-फित्र के पूरे दिन चलता रहा। खूब सेल्फी ली गयी। नौका विहार पर भी ईद की वजह से काफी चहल पहल व रौनक रही।महिलाओं ने घरों में की इबादतईद की खुशियों में महिलाएं भी आगे रही। रमजान में जिस तरह अपने कर्तव्यों का पालन किया। घर व बाहर दोनों को संभाला। उसी तरह ईद की खुशियों में चार चांद लगाने में वह दिलो-जान से लगी रहीं। मेहमान नवाजी के लिए सेवईयां व लजीज व्यंजन बनाया। घरों में शुक्राने की नमाज अदा की। शाम को सज-धज कर रिश्तेदारों, पड़ोसियों के यहां ईद की मुबारकबाद देने भी गईं।गिलाफ-ए-काबा व कदम रसूल की कराई जियारतजाफरा बाजार स्थित सब्जपोश हाउस मस्जिद में बाद नमाज ईद-उल-फित्र काबा शरीफ का गिलाफ, पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के कदमों का निशान व इराक स्थित हजरत गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैह के मजार की ईट सलातो-सलाम के बीच जियारत कराई गई।फातिहा पढ़ने वालों का लगा तांतानार्मल स्थित हजरत मुबारक खां शहीद रहमतुल्लाह अलैह आदि दरगाहों पर जियारत करने वालों का तांता लगा रहा।
इसी तरह शहर के कब्रिस्तानों पर फातिहा पढ़ने वालों का हुजूम उमड़ पड़ा। सभी ने पूर्वजों को याद कर फातिहा पढ़ मगफिरत की दुआएं मांगी।सदका-ए-फित्र व जकात किया अदाईद-उल-फित्र की नमाज से पहले लोगों ने सदका-ए-फित्र अदा किया। लोगों ने ईदगाहों व मस्जिदों के बाहर गरीबों में फित्रा व जकात की रकम अदा की।
Post Comment