ईद आज : दिखा चांद, बाज़ार चहल पहल व रोशनी से रहा गुलजार

1. सवाल : एक ही ईदगाह या मस्जिद में दो बार ईद की नमाज अदा करना कैसा? जवाब : आम हालात में ऐसा करना मकरुह है। अलबत्ता किसी खास सूरत-ए-हाल में शहर के काजी या सबसे बड़े सहीहुल अकीदा आलिम जिसके तरफ लोग शरअ के मसाइल में रूजू करते हों उसकी इजाजत लेकर कायम की जा सकती है।

2. सवाल : जिस शख्स की ईद की नमाज छूट जाए वो क्या करे रहनुमाई फरमाएं? जवाब : दूसरी मस्जिद या ईदगाह में जहां जमात मिल सकती हो जाकर पढ़े। अगर कहीं जमात न मिली तो बहर सूरत तन्हा नमाजे ईद नहीं पढ़ सकता। अब आइंदा ऐसी सुस्ती से बचे व तौबा इस्तिग्फार करे। और उसके लिए बेहतर है कि चार रकात नमाजे चाश्त पढ़ ले।

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