इबादत और रहमतों की जगमगाती रात में सभी के लिए होंगी दुआएं : सज्जाद अली रहमानी

इबादत और रहमतों की जगमगाती रात 'शब-ए-बरात' को शीश महल दरगाह पर होंगी दुआएं

एक रूहानी रात शब-ए-बरात में अपने घरवालों के साथ ही पूरे देश की हिफाजत, उन्नति शान्ति अमनों-अमान के लिए मांगी जायेंगी दुआएं

गोरखपुर। एक रूहानी रात शब-ए-बरात का त्योहार 13 फरवरी को जाफरा बाजार स्थित शीश महल दरगाह पर इबादत और रहमतों की जगमगाती रात में सभी के लिए दुआएं होंगी। यह जानकारी शीश महल दरगाह के गद्दीनशीन सज्जाद अली रहमानी ने देते हुए बताया कि शब-ए-बरात के दिन पूरी रात समस्त मस्जिदों में कुरआन की तिलावत के साथ ही इबादत होगी। साथ ही कदरगाहों, खानकाहों और कब्रिस्तानों में जाकर भी दुआ ख्वानी की जायेगी। उन्होंने कहा कि शब-ए-बारात का त्योहार इस्लाम धर्म के अहम त्योहारों में से एक है। इस दिन लोग रात में जागकर अल्लाह की इबादत करते हैं। शब-ए-बरात इस्लामिक माह शाबान जो की इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार आठवां महीना है। इसकी 14 तारीख की रात, शब-ए-बरात कहलाती है। जिसका मतलब होता है, जहन्नुम से आजाद करना, इस दिन लोगों में उत्साह देखने को मिलता है। घरों में पकवान बनते हैं और पूरी रात अल्लाह की इबादत की जाती है। रहमानी ने कहा कि शब-ए-बरात पर लोग रात में मस्जिदों में जाकर अल्लाह की इबादत करते हैं। साथ ही अपने पूर्वजों की मगफिरत की दुआ करते हैं। शब-ए-बरात 13 को सूरज ढलने से शुरु होगी और 14 फरवरी को सुबह फजिर की नमाज तक चलेगी। शब-ए-बरात के दिन लोग कब्रिस्तानों में जाकर फातिहा पढ़ेंगे और अपने पूर्वजों की मगफिरत की दुआ करेंगे।

शब-ए-बरात पर रोजे की फजिलत

शीश महल दरगाह के गद्दीनशीन सज्जाद अली रहमानी बताते हैं कि जिस रात का मुस्लिम धर्म के लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है, वह रात शब-ए-बरात है। मुस्लिम बंदे मस्जिदों और अपने घरों में शब-ए-बरात पर पूरी रात जागकर इबादत करते हैं। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही दरगाहों, कब्रिस्तानों में जाकर अपने पूर्वजों एवं परिजनों की कब्रों पर दरूद फातिहा पढ़ते हैं। वहीं घरों में महिलाऐं और बच्चे भी नमाजें और कुरआन पढ़कर सभी के लिए दुआएं मांगते हैं। यह सिलसिला शुक्रवार अल सुबह तक जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि शब-ए-बरात पर रोजा भी रखा जाता है, हालांकि यह नफली रोजा होता है, इसे रखने से सवाब मिलता है। इस रात को अल्लाह से जो भी दुआ मांगें जाते हैं वह कबूल होती हैं। लोग खुदा से अपने गुनाहों की तौबा करते हैं। इस रात में अपने घरवालों के साथ साथ पूरे देश की हिफाजत, उन्नति शान्ति अमन व अमान के लिए दुआ की जाती हैं।

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