गोरखपुर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने सर्वाइकल कैंसर (बच्चेदानी के मुख का कैंसर) से बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण अभियान शुरू किया है। इसके तहत ओपीडी में आने वाली महिलाओं और बेटियों की स्क्रीनिंग की जा रही है। स्क्रीनिंग के बाद पात्र मरीजों की सूची स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग द्वारा तैयार की जा रही है।
जल्द शुरू होगा टीकाकरण
एम्स राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान के तहत नौ से 14 वर्ष की बेटियों को सर्वाइकल कैंसर का टीका लगाएगा। इस टीके को हाल ही में भारत सरकार ने राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान में शामिल किया है।
डॉ. आराधना सिंह, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ और एम्स मीडिया सेल की चेयरपर्सन, ने बताया कि स्क्रीनिंग से कैंसर का समय पर पता लगाना संभव होगा। टीकाकरण की प्रक्रिया जल्द ही एम्स में शुरू होगी। इसके साथ ही स्कूलों में जागरूकता अभियान चलाकर टीके की जानकारी दी जाएगी।
स्क्रीनिंग की सलाह 21-29 वर्ष की महिलाएं: हर तीन साल में एक बार पैप स्मीयर टेस्ट कराएं।
30-65 वर्ष की महिलाएं: हर तीन साल में पैप स्मीयर और हर पांच साल में एचपीवी टेस्ट कराएं।
महत्वपूर्ण कदम
सर्वाइकल कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह पहल बेहद अहम है। निजी अस्पतालों में यह टीके महंगे हैं और स्क्रीनिंग की सुविधा भी सीमित है। ऐसे में एम्स का यह अभियान न केवल टीकाकरण बल्कि समय पर बीमारी की पहचान में भी मददगार होगा।

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