विश्व मानवाधिकार दिवस पर स्वतंत्रता, न्याय और शांति का आधार “मानवाधिकार” पर विचार गोष्ठी
उच्चतम न्यायालय ने किन्नरों के मानवाधिकारों को बहाल कर दिया थर्ड जेंडर का दर्जा-निशा किन्नर
गोरखपुर। विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर पर तीसरी आंख मानव अधिकार संगठन द्वारा आयोजित विचार गोष्ठी में विधि विशेषज्ञ, शिक्षक संघ व सामाजिक क्षेत्र से प्रबुद्ध जनों ने शिरकत किया।
विचार गोष्ठी के दौरान कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज गोंडा के निदेशक डॉ गोविंद पांडेय ने कहा कि मानवाधिकारों का संरक्षण और संवर्धन करना आज पूरे विश्व के समक्ष एक गंभीर चुनौती बना हुआ है, जिसके कारण मानवाधिकारों के जनजागरूकता की वर्तमान व्यवहारिक स्थिति धरातल पर नगण्य है, ऐसे में सीमित संसाधनों में तीसरी आंख मानवाधिकार संगठन द्वारा मानवाधिकारों की जन जागरूकता का अलख जगाये रखना सराहनीय एवं प्रशंसनीय कार्य है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ अधिवक्ता अभिमन्यु पांडे एवं उ.प्र. मा. शिक्षक संघ ने उपाध्यक्ष डॉ. जे.पी. नायक ने संयुक्त रूप से कहा कि वर्तमान के भौतिक पिपाशा की अंधी दौड़ में मानवाधिकारों के जन जागरूकता की अलख जगाए रखना किसी चुनौती से कम नहीं है, इस चुनौती में हम अधिवक्ता बंधु संगठन को आश्वस्त करते हैं कि मानवाधिकारों के जन जागरूकता के अभियान में कंधे से कंधा मिलाकर मंजिल तक पहुंचने में योगदान देंगे।
उक्त के क्रम में विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप पांडे ने अपने उदबोधन में कहा कि मानवाधिकारों के संरक्षण संवर्धन और जन जागरूकता की दिशा में सरकारों में इच्छा शक्ति की कमी है जबकि हमारा संविधान विश्व के सर्वोच्च संविधान में है जो मानवाधिकारों के संरक्षण संवर्धन के लिए अपने आप में परिपूर्ण है।
वहीं विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ अधिवक्ता कमल श्रीवास्तव ने कहा कि संगठन ने मानवाधिकारों के प्रति सरकारों का भिन्न-भिन्न दृष्टिकोण क्यों और सरकारें सचेष्ट और गंभीर क्यों नहीं? ज्वलंत विषयक गोष्ठी का आयोजन किया है इस पर मुझे लगता है कि राजनीतिक पार्टिया भी अपने ढंग से मानवाधिकारों को प्रभावित कर रही हैं, उनकी जातियां अपनी अलग होती हैं और किसी भी नाम पर एक मोबलाइजेशन करके मानव अधिकारों का हनन किया जाता है,कानून एक है चाहे हिंदू हो,मुस्लिम हो,सिख हो, इसाई हो।
उपरोक्त के क्रम में विशिष्ट अतिथि प्राचार्य डॉ. अभिषेक पाण्डेय व प्रो. प्रीतिश कुमार तिवारी ने संयुक्त रूप से कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकार पक्षकार राज्यों ने जो मानवाधिकारों के संरक्षण संवर्धन एवं स्वैच्छिक गैर सरकारी संगठनों के प्रति वचनबद्धता के अनुरूप जो वचन बद्धता व्यक्त की थी उक्त दायित्व का निर्वहन नहीं कर रही है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता रत्नेश्वर शुक्ल ने मानवाधिकारों पर जोर डालते हुए कहा कि मानवाधिकारों की जन जागरूकता के इस मुहिम में हम अधिवक्ता बंधु व समाज के अन्य प्रबुद्ध व समूल मानव को प्रमुखता से शिरकत करना चाहिए और संगठन को उसके उद्देश्य के प्रति मुकाम तक ले जाने में संपूर्ण समर्पण व त्याग करना चाहिए। आज संगठन ने कार्यक्रम के दौरान किन्नर समुदाय के निशा किन्नर को विशिष्ट अतिथि के रूप में मंचासीन कर समानता के अधिकार का जो दायित्व निर्वहन किया है वो एक ऐतिहासिक मिसाल है, और ऐसे संगठन पर हम सभी को गर्व होना चाहिए।
कार्यक्रम के अंत में संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शैलेंद्र कुमार मिश्र ने कहा कि आजीवन मानवाधिकारों के जन जागरूकता का अलख जगाए रखूंगा और इस कार्यक्रम में आप सभी प्रबुद्ध जन एवं श्रेष्ठ जनों के शिरकत करने का संगठन आभार प्रकट करता है और उम्मीद करता है कि भविष्य में ऐसे अभियान में संगठन के साथ आप संपूर्ण सहभागिता निभाएंगे।
श्री मिश्र ने कार्यक्रम की समाप्ति की घोषणा करते उपस्थित सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।
उपरोक्त कार्यक्रम में संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तब्बसुम, वरिष्ठ अधिवक्ता योगेंद्र कुमार मिश्र,डॉ संपूर्णानंद मल्ल,बृजलाल तिवारी, सैय्यद वसीम अहमद,लल्लन दुबे, सत्येंद्र मल्ल एडवोकेट, कुशीनगर जिला अध्यक्ष पवन गुप्ता, रामचंद्र दुबे,शशिकांत माथुर, सरिता सिंह,शमशेर जमा, मुर्तुजा हुसैन, सेराज अहमद, राजेश्वर पांडे, आल इंडिया उर्स कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद रजा उर्फ लड्डन खान, इरफ़ान सिद्दीकी, तनवीर अहमद, रामचंद्र दुबे, संतोष गुप्ता, सुबाष पांडे,वीरेंद्र वर्मा आदि मौजूद रहे।
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