साइबर अपराध जागरूकता कार्यक्रम में बढ़ी डिजिटल सुरक्षा की समझ
कार्यक्रम में सामाजिक संगठनों, स्वयंसेवी संस्थाओं, चिकित्सा संघ और व्यापार मंडल के प्रतिनिधियों ने भी सक्रिय रूप से लिया भाग
गोरखपुर। रोटरी क्लब के तत्वावधान में शनिवार को गंगोत्री देवी महिला महाविद्यालय में साइबर अपराध जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विभिन्न सामाजिक संगठनों, स्वयंसेवी संस्थाओं, चिकित्सा संघ और व्यापार मंडल के प्रतिनिधियों ने भी सक्रिय रूप से भाग लिया। इस आयोजन का उद्देश्य समाज के हर वर्ग को साइबर अपराधों के प्रति जागरूक करना और डिजिटल सुरक्षा के महत्व को उजागर करना था।
कार्यक्रम की शुरुआत कार्यक्रम निदेशक श्रीमती रीना त्रिपाठी के स्वागत संबोधन से हुई, जिसमें उन्होंने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि इस तरह के आयोजनों से समाज में डिजिटल सुरक्षा के प्रति जागरूकता का स्तर बढ़ेगा और लोग साइबर अपराधों से बचने के लिए उचित कदम उठाएंगे। कार्यक्रम अध्यक्ष अचिंत्य लहरी ने आयोजन के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि साइबर अपराधों के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र यह बेहद जरूरी है कि लोग इंटरनेट और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करते समय सतर्क रहें और सुरक्षा के उपायों का पालन करें।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित पुलिस अधीक्षक अपराध सुधीर जायसवाल ने साइबर अपराधों के बढ़ते मामलों पर गंभीर चिंता व्यक्त की। अपने संबोधन में उन्होंने बताया कि साइबर अपराधी नित नए तरीकों से लोगों को ठगने में लगे हुए हैं। उन्होंने बताया कि रोजगार धोखाधड़ी, ऑनलाइन पार्सल घोटाले, डिजिटल ब्लैकमेलिंग, और मैट्रिमोनियल फ्रॉड जैसे अपराधों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। खासकर महिलाओं को निशाना बनाकर किए जा रहे अपराधों को लेकर उन्होंने सतर्क रहने को कहा ।
श्री जायसवाल ने बताया कि साइबर अपराधों के मामलों में निजता का उल्लंघन और आर्थिक धोखाधड़ी जैसी समस्याएं सामने आ रही हैं। उन्होंने कहा कि साइबर अपराधी महिलाओं को सोशल मीडिया और मैट्रिमोनियल साइट्स के माध्यम से ठगने की कोशिश करते हैं। इसलिए, महिलाओं को अपनी व्यक्तिगत जानकारी को इंटरनेट पर साझा करने में बहुत सावधानी बरतने की सलाह दी। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी संदिग्ध ऑनलाइन गतिविधि की तुरंत सूचना 1930 (नेशनल साइबर रिपोर्टिंग पोर्टल) पर दी जानी चाहिए, जिससे अपराधों को समय पर रोका जा सके।
कार्यक्रम में बैंकिंग क्षेत्र से आए प्रतिनिधि चंद्र प्रकाश ने वीडियो प्रेजेंटेशन के माध्यम से साइबर अपराधों की व्याख्या की और बताया कि किस तरह से साइबर अपराधी ऑनलाइन बैंकिंग, फिशिंग, और क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी जैसी घटनाओं को अंजाम देते हैं। उन्होंने उपस्थित जनसमूह को यह समझाया कि व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा के लिए पासवर्ड की गोपनीयता बनाए रखना, केवल प्रमाणित वेबसाइटों का उपयोग करना और संदिग्ध ईमेल लिंक से बचना जरूरी है। कार्यक्रम का संचालन सतीश राय ने किया।शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के थाना क्षेत्रों साइबर सेल बनाये जा रहे हैं।
कार्यक्रम मे अनूप अग्रवाल, मान्धाता सिंह, डॉ मनिरंजन सिन्हा, शुभेन्दु श्रीवास्तव, सुधांशु चन्द्र वर्मा, आशुतोष मिश्र, डॉ दिनेश सिंह सारथी, रंजना सिन्हा, डॉ आरपी शुक्ल, चंद्र प्रकाश अग्रवाल, डॉ महेंद्र अग्रवाल, कविता त्रिपाठी, प्रियंका श्रीवास्तव, महाविद्याय की प्राचार्य डॉ. पूनम शुक्ला, नर्सिंग विभाग के प्राचार्य अरमान अहमद, और फिजियोथैरेपी विभाग के प्राचार्य डॉ. एमएल यादव, लोरीटा याकूब सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। नर्सिंग विभाग की छात्राओं ने भी कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक भाग लिया और साइबर अपराधों के बारे में अपनी आशंकाएं व्यक्त कीं। उन्होंने व्यक्तिगत डेटा सुरक्षा, सोशल मीडिया पर प्राइवेसी, और डिजिटल लेन-देन के दौरान सावधानी बरतने से संबंधित सवाल पूछे, जिनका उत्तर विशेषज्ञों ने दिया।
कार्यक्रम में रोटरी क्लब के अध्यक्ष महावीर प्रसाद कंडोई और सचिव सचिन संचित श्रीवास्तव ने भी विशेष रूप से उपस्थित होकर कार्यक्रम की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान दिया। महावीर प्रसाद कंडोई ने क्लब के प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि रोटरी क्लब हमेशा समाज की भलाई के लिए इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करता है, ताकि नागरिकों को जागरूक किया जा सके और समाज में सकारात्मक बदलाव आए। उन्होंने कहा कि रोटरी क्लब का उद्देश्य न केवल सामाजिक कार्यों में भागीदारी बढ़ाना है, बल्कि साइबर अपराधों जैसे गंभीर मुद्दे पर भी समाज को जागरूक करना है। वहीं, क्लब के सचिव सचिन संचित श्रीवास्तव ने इस कार्यक्रम के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और इसके सफल संचालन के लिए अपनी पूरी टीम की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम डिजिटल सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए एक बड़ा कदम है और रोटरी क्लब भविष्य में इस तरह के और कार्यक्रम आयोजित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
कार्यक्रम के अंत में श्री जायसवाल ने सभी से अपील की कि वे साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक रहें और दूसरों को भी इन खतरों से बचने के लिए जागरूक करें। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम न केवल लोगों को सुरक्षित रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि समाज में साइबर अपराधों के प्रति एक सकारात्मक बदलाव लाने में भी सहायक होंगे। डिजिटल दुनिया में सुरक्षा के प्रति सतर्कता बेहद महत्वपूर्ण है और जागरूकता फैलाने के इस प्रयास से भविष्य में साइबर अपराधों पर काबू पाने में मदद मिलेगी।
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