संविधान दिवस मनाने का अर्थ अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक होना है : प्रो0 अनिल यादव

संविधान दिवस पर ‘‘हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान‘‘ विषयक संगोष्ठी

गोरखपुर। राजकीय बौद्ध संग्रहालय में संविधान दिवस के अवसर पर संग्रहालय सभागार में ‘हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान’ विषयक संगोष्ठी का आयोजन हुआ। 

वाणिज्य संकाय, गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रो0 अनिल यादव ने कहा कि संविधान दिवस मनाने का अर्थ अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक होना है। संविधान महिलाओं की स्वतंत्रता हेतु विशेष अधिकार प्रदान करता है। हमारा संविधान हमारे मौलिक अधिकारों की रक्षा करते हुए हमें सुरक्षा भी प्रदान करता है। संविधान एक तरफ जहां प्रत्येक धर्म-भाषा, जाति के लोगों को रहने की आज़ादी देता है। संविधान देश की विविधता में एकता को समाहित किए हुए है।

पूर्व पुलिस अधिकारी बसन्त लाल ने कहा कि हमारे देश का संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान है। जो पूरे विश्व में अद्भुत एवं अद्वितीय है। हमारा संविधान समस्त नागरिकों को समानता का अधिकार प्रदान करता है। 

पूर्व उप मुख्य सुरक्षा आयुक्त पूर्वोत्तर रेलवे सुभाष चन्द्र चौधरी ने कहा कि डाॅ0 भीमराव अम्बेडकर ने एक बार कहा था कि संविधान कितना भी अच्छा क्यों न हो, अगर उसे मानने वाले तथा उसको लागू करने वाले अच्छे न हो तो एक अच्छा संविधान भी व्यर्थ हो जायेगा।

दयानंद वैदिक कॉलेज उरई के प्रो0 राम प्रताप सिंह ने कहा कि संविधान हमें समता, स्वतंत्रता, बन्धुत्व व न्याय पर आधारित समाज व राष्ट्र निर्माण का संदेश देता है। हमारा संविधान हमें सामाजिक चेतना व राजनैतिक एकता के साथ-साथ आर्थिक स्वतंत्रता का अधिकार भी प्रदान करता है।

संग्रहालय के उप निदेशक डाॅ0 यशवन्त सिंह राठौर ने कहा कि हमारा संविधान ही हमारा स्वाभिमान है। संविधान के प्रति जागरूकता के माध्यम से देश के विकास में योगदान दिया जा सकता है। कार्यक्रम के अन्त में अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित करते हुए सभी अतिथियों को आभार ज्ञापित किया।  

इस मौके पर डाॅ0 जितेन्द्र कुमार, अमरपाल सिंह यादव, एड0 कमलेश कुमार कचेर, भास्कर विश्वकर्मा, कुलवंत सिंह, भालचन्द्र मिश्रा, शिवम यादव, ओम यादव, बृज बिहारी दूबे, अनीता मांझी, रेनू मिश्रा, दीपाली मिश्रा, सुप्रिया रावत, आदित्य, अनिल कुमार अर्चना राय आदि सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

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