पर्यावरणीय शिक्षा से प्राकृतिक संसाधनों का होगा संरक्षण, इको-टूरिज्म गतिविधियों को मिलेगा बढ़ावा : जयवीर सिंह

इको - टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड का अनूठा प्रयास, स्कूली बच्चों को पर्यावरण के प्रति किया जागरूक

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश इको-टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड (UPETDB) ने पर्यावरण और इको-टूरिज्म के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से स्कूली बच्चों के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किया। इसका उद्देश्य बच्चों को प्रकृति के महत्व, जैव विविधता और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता के बारे में शिक्षित करना रहा। यूपी इको टूरिज्म विकास बोर्ड इस तरह के आयोजनों से स्कूली छात्रों और नौनिहालों को भविष्य के प्रति जागरूक और सतत जीवनशैली के प्रति सजग कर रही है। यह जानकारी उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी।  

 

उत्तर प्रदेश इको-टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड के सहयोग से गोरखपुर जिले के सेंट पॉल स्कूल में जागरूकता अभियान चलाया गया। छात्रों को इको-टूरिज्म और इसकी महत्ता के प्रति जागरूक किया गया। शाम में लाइटिंग सेरेमनी आयोजित की गई, जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति रही।  

 

उत्तर प्रदेश इको-टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड की पहल पर छात्रों को चिड़ियाघर का भ्रमण कराया। कार्यशाला भी आयोजित की गई। जिला वन अधिकारियों द्वारा स्कूल में एक मास्टर क्लास का भी आयोजन हुआ, जिसमें बच्चों को सहनशीलता, पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के महत्व के बारे में बताया गया। 

 

इस संबंध में विकास यादव, प्रभागीय वन अधिकारी ने बताया, कि ‘यह आयोजन अजरबैजान की राजधानी बाकू में पर्यावरण को लेकर आयोजित COP29 समिट से मेल खाता है, जो पर्यावरण की रक्षा और सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के वैश्विक प्रयासों पर जोर देता है। इस आयोजन का उद्देश्य अगली पीढ़ी को पर्यावरण संरक्षण और उसके महत्व को बताना है। उन्होंने कहा, ऐसे आयोजनों का उद्देश्य बच्चों को स्थानीय समुदायों और पारंपरिक पर्यावरणीय ज्ञान से जोड़ना है’।

 

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश इको-टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड आने वाले दिनों में भी इस तरह के प्रयास करती रहेगी। यह पहल न केवल बच्चों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने में सहायक है, बल्कि उन्हें इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने में भागीदार बनाने का प्रयास भी करती है। इससे प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। साथ ही, इको-फ्रेंडली गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।’

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