बिजली की बढ़ी दर को लेकर बुनकरों का एक प्रतिनिधिमंडल डीएम से मिला, कहा- दरें कम नहीं हुई तो हो जाएंगे बर्बाद

अपने सारे कारोबार को बंदकर बड़ी संख्या में जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचे हुए थे बुनकर

बुनकरों ने बिजली के फ्लैट रेट की बढ़ी दरों पर जताया जोरदार विरोध

गोरखपुर। बिजली बिल में हुई बढ़ोतरी को लेकर बुनकर वेलफेयर सोसाइटी के तत्वावधान में बुनकरों ने अपने सारे कारोबार को बंदकर बड़ी संख्या में जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचे बुनकरों का एक बहुत बड़ा जत्था सोसाइटी के अध्यक्ष अजीजुल हई, मसीउद्दीन अंसारी, नसीम अख्तर, इकराम अंसारी एवं मजहर अंसारी के संयुक्त नेतृत्व में जिलाधिकारी से मिलकर ज्ञापन सौंपा गया।

जिलाधिकारी कार्यालय पर बुनकरों ने बिजली के फ्लैट रेट की बढ़ी दरों पर विरोध जता रहे थे। जिलाधिकारी को सौंपे गये ज्ञापन में कहा गया कि अगर बुनकरों के बिजली दर में गिरावट नहीं की गयी तो बुनकरों को हर हाल में बिजली का पीडी कराना पड़ेग। ताकि बुनकरों के उपर से कर्ज का लदा हुआ बोझ कम हो सके। बुनकरों ने कहा कि बिजली विभाग बुनकरों के बिजली के बिल को जमा नहीं कर रहा है, जिससे बुनकर परेशान हो रहे हैं। गरीब, कमजोर बुनकर बिजली विभाग का कर्जदार होता जा रहा है। जिसकी वजह से बिजली विभाग के उत्पीड़न को बुनकरों समाज हर स्तर पर झेल रहा है। बिजली विभाग बुनकरों का उत्पीड़न बंद करे।

प्रतिनिधिमंडल को अस्वस्थ करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि बुनकरों की जायज मांगों को ध्यान में रखते हुए अतिशीघ्र इस समस्या का निस्तारण किया जायेगा।
इस मौके पर बुनकर वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष अजीजुल हई राजू ने कहा कि बिजली के फ्लैट रेट की दर को बढ़ा कर बुनकरों का शोषण किया जा रहा है। इसको समाप्त करने के लिए हर सम्भव संघर्ष किया जायेगा। उन्होंने कहा कि बिजली के फ्लैट रेट में बढ़ोतरी के 2023 के शासनादेश को तत्काल प्रभाव से रद्द कर बुनकर हित में काम किया जाये।
ज्ञापन सौंपने के बाद बुनकरों को संबोधित करते हुए सोसाइटी के उपाध्यक्ष नसीम अख्तर एवं मुहम्मद खलील अंसारी ने कहा कि गोरखपुर का बुनकर बिजली बिल में हुई बढ़ोतरी से बहुत ही हैरान और परेशान है। ऐसे में शासन व प्रशासन को बुनकर अपनी व्यथा को लेकर अधिकारियों को अवगत कराने की दिशा प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि गोरखपुर का बुनकर पहले प्रतिमाह प्रति पावरलूम रुपया 143 जमा करता था। परंतु 1 अप्रैल 2023 से प्रस्तावित नई योजना के तहत प्रतिमाह प्रति पावरलूम रुपया 800 जमा करने के बोझ में दब गया है। उन्होंने कहा कि यह प्रस्तावित दर के सापेक्ष लगभग साढ़े छः गुना अधिक है।

इस मौके पर मसीउद्दीन अंसारी ने कहा कि कमजोर, गरीब बुनकर इतना रूपए जमा करने में असमर्थ है। सन् 2006 में पावरलूम को रीड स्पेस के आधार पर दो श्रेणी बांट दिया गया है, जो कहीं से भी तर्क व न्याय संगत नहीं है। वहीं मुहम्मद जहीन नन्हें, मजहर हुसैन अंसारी एवं इकराम अंसारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मात्र गोरखपुर ही एक ऐसा जिला है, जहां शूटिंग का कारोबार होता है। इसलिए गोरखपुर का 100 प्रतिशत पावरलूम 68 इंच रीड स्पेस का है। जबकि गोरखपुर में लूमों की संख्या 2960 है। 68 इंच रीड स्पेस के लूम को भी 400 रूपए करने में भी अधिकारियों को बुनकरों के प्रति सहानुभूति की भूमिका निभाने में कार्य करना चाहिए।

इमामचौक मुतवल्ली एक्शन कमेटी के अध्यक्ष अब्दुल्लाह ने बुनकर वेलफेयर सोसाइटी के आन्दोलन को समर्थन करते हुए कहा कि गोरखपुर में लूमों की संख्या 2960 है, यदि बुनकरों के साथ इंसाफ नहीं किया गया तो निश्चित तौर पर गोरखपुर का बुनकर तबाह व बर्बाद हो जायेगा।

 

प्रतिनिधिमंडल में मुख्य रूप से अजीजुल हई राजू, नसीम अख्तर, मसीउद्दीन अंसारी, इं. मिनहाजुददीन अंसारी, शाहिद अंसारी, मजहर हुसैन अंसारी, मुहम्मद खलील अंसारी, इकराम अंसारी, मुहम्मद जहीन नन्हें, अब्दुल्लाह, शमीम अख्तर, बक्शीश अहमद, इरफान अंसारी, मुहम्मद शमीम, माजिद अख्तर, सिराजुद्दीन, मुहम्मद नौशाद, इजहार अहमद, मोहम्मद अशरफ, मुहम्मद हसनैन, इजहार अहमद, समीउल्लाह, मुहम्मद आरिफ, अहमद हसन, मुहम्मद आसिफ, हाजी फारूक, एहसानुल्लाह, रमजान अली, वलीउल्लाह अंसारी , महमूद आदि लोग मौजूद रहे।

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