पैगंबरे इस्लाम की तौहीन करने वाला शख़्स देश की एकता, अखंडता व भाईचारे का दुश्मन : उलमा

"इश्क-ए-रसूल का दावा, तकाजा व हमारी जिम्मेदारियां" विषयक संगोष्ठी से उलमा का बयान

गोरखपुर। मुफ्ती-ए-शहर अख़्तर हुसैन मन्नानी ने कहा कि सारे नबियों और रसूलों में लाजवाब और बेमिसाल पैगंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम हैं। जिन्हें लाजवाब और बेमिसाल दुनिया का जर्रा-जर्रा बोलता व मानता है। पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम हर मुसलमान की आन, बान, शान व जान हैं। पैग़ंबरे इस्लाम की मुहब्बत के बग़ैर कोई मुसलमान नहीं हो सकता, क्योंकि आपकी मुहब्बत ईमान की शर्त है। पैगंबरे इस्लाम व इस्लाम धर्म की शान में तौहीन करने वाला शख़्स अमन शांति ही नहीं देश की एकता, अखंडता व भाईचारे का दुश्मन है। पैगंबरे इस्लाम व हज़रत आयशा की शान में तौहीन करने वाले शख़्स को सज़ा मिलनी ही चाहिए।

यह बातें मकतब इस्लामियात तुर्कमानपुर में ‘इश्क-ए-रसूल का दावा, तकाजा व हमारी जिम्मेदारियां’ विषयक संगोष्ठी के दौरान मुफ्ती अख़्तर हुसैन ने बतौर मुख्य वक्ता कही।

संगोष्ठी में मौजूद अकीदतमंद

उन्होंने कहा कि जब तक हम खुद नहीं बदलेंगे तब तक हमारे हालात नहीं बदलने वाले। लिहाजा हमें प्रकाश के उस अज़ीम मरक़ज पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की ज़ात से खुद को जोड़ना होगा। सहाबा किराम वाला दीनी जज़्बा पैदा करना होगा। क़ुरआन-ए-पाक व हदीस-ए-पाक पर मुकम्मल अमल करना होगा। इल्म हासिल करना होगा। बुराईयों से दूरी अख़्तियार करनी होगी। दूसरों के दुख दर्द में शरीक होना होगा। सुन्नत पर चलना होगा। फ़र्ज़ की वक्तों पर अदायगी करनी होगी। तब जाकर हमारा भविष्य प्रकाशमय होगा।

विशिष्ट वक्ता कारी मुहम्मद अनस क़ादरी ने कहा कि पैगंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पूरी दुनिया के लिए आइडियल हैं। अल्लाह ने अपने प्यारे महबूब हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को सारे आलम के लिए रहमत बना कर भेजा। आपका एक-एक पैग़ाम दुनिया वालों के लिए सबक है। पैग़ंबरे इस्लाम ने अपने किरदार व अख्लाक से सभी का दिल जीत लिया। पैग़ंबरे इस्लाम ने लोगों को उम्दा अख्लाक व मुहब्बत का पैग़ाम दिया। मुसलमानों के लिए यह जरूरी है कि वह पैग़ंबरे इस्लाम के हुक्म को मानें। पैग़ंबरे इस्लाम के वफ़ादार बनें। नाम के नहीं अमल व किरदार से भी मुसलमान बनें। 

उन्होंने कहा कि मुसलमान सब कुछ बर्दाश्त कर सकता है लेकिन पैगंबरे इस्लाम की शान में अदना सी भी तौहीन हमें कबूल नहीं है। पैग़ंबरे इस्लाम की शान में तौहीन करने वाले लोग मुल्क में अमनो शांति के लिए खतरा हैं, लिहाजा ऐसे गुस्ताख लोगों पर प्रतिबंध लगाया जाए। सजा देने का कानून बनाया जाए। क़ुरआन-ए-पाक, पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम, सहाबा किराम व अहले बैत की अज़मत पर मुसलमान हर तरह से क़ुर्बान है। अदना सी तौहीन बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुसलमानों को पैग़ंबरे इस्लाम के बताए रास्ते पर चलना चाहिए। बुराई को छोड़ना चाहिए। अच्छाई को अपनाना चाहिए। अपने बच्चों को हर हाल में पैग़ंबरे इस्लाम की सीरत बताएं।

अंत में दरूदो सलाम पढ़कर देश की तरक्की, अमन, मुहब्बत व भाईचारे की दुआ मांगी गई। संगोष्ठी में नायब काजी मुफ्ती मुहम्मद अजहर शम्सी, मौलाना दानिश रज़ा अशरफी, सैयद नदीम अहमद, अली हसन, साहिल, महफूज खान, क़ासिद रज़ा इस्माईली, आतिफ, अशरफ रज़ा, सैफ अली, एसएफ अहमद सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

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